राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परंपरा एवं विरासत(Rajasthan History Quiz, Art, Culture, Literature, Tradition & Heritage of Rajasthan)
Rajasthan GK Quiz in Hindi
As per we decide to store quiz about the History question, which are appears in RAS exam. इसकी गहराईयों में छुपा राजपूत शौर्य जो इतिहास को चमका देता है। राजस्थान का इतिहास महाराणा प्रताप, मीराबाई की चरित्रशीलता से सजा हुआ है, जो इसे अद्वितीय बनाता है। राजस्थान, वीर भूमि का गर्व और ऐतिहासिक वीरता का प्रतीक है। यहाँ की धरोहर और ऐतिहासिक विरासत हमें हमारे मूलों की महत्वपूर्णता का आदान-प्रदान सिखाती है।
Attempt the Quiz
राजस्थान की History से संबंधित जो भी प्रश्न RAS एग्जाम में पूछे गए हैं उन सभी को QUIZ के फॉर्मेट में नीचे दिया गया है आप ध्यान पूर्वक सभी प्रश्नों के उत्तर दें आशा करते हैं कि आपका प्रत्येक प्रश्न का उत्तर सही हो।
भाषा एवं साहित्य
Ques 106: सुमेलित कीजिए- (RAS-2015)
पुस्तक | लेखक |
---|---|
(A) हम्मिरायण | (i) बादर |
(B) वीरमायण | (ii) मंछाराम सेवग |
(C) रघुनाथ रूपक | (iii) दुरसा हाढा |
(D) किरतार बावनी | (iv) भाण्डऊ व्यास |
- (iii) (i) (iv) (ii)
- (iii) (i) (ii) (iv)
- (iv) (i) (ii) (iii)
- (ii) (i) (iv) (iii)
(iv) (i) (ii) (iii)
Ques 107: पृथ्वीराज विजय का लेखक कौन है? (RAS-2012)
- चंदबरदाई
- पृथ्वीराज चौहान
- नयनचंद सूरि
- जयानक
जयानक
Ques 108: राजस्थान की बोली एवं क्षेत्र के संबंध को ध्यान में रखते हुए निम्नांकित में से गलत का चयन कीजिए? (RAS-2012)
- टोंक – ढूंढाड़ी
- पाली – बागडी
- बारों – हाडौती
- करौली – मेवाती
पाली – बागडी
Ques 109: राजस्थान साहित्य की कौनसी श्रेणी कहानी या कथा विद्या से संबंधित है?
- विगत
- वेलि
- वचनिका
- वात वात का अर्थ कथा या कहानी से है। राजस्थान में ऐतिहासिक, पौराणिक, प्रेम परक एवं काल्पनिक कथानकों पर वात साहित्य अपार है।
वात
Ques 110: 19वीं शताब्दी का प्रथम इतिहासकार जिसने राजस्थान की सामन्तवादी व्यवस्था के बारे में लिखा, वह कौन था? (RAS-2010)
- जार्ज ग्रियर्सन
- डॉ. एल. पी. टैसीटोरी
- कर्नल जेम्स टॉड
- जार्ज थॉमस
कर्नल जेम्स टॉड • कर्नल जेम्स टॉड ने उदयपुर आकर राजस्थान के इतिहास के बारे में तथ्य जमा किए। • 1805 के आस-पास राजस्थान आए। उपाधि -राजस्थान इतिहास के पिता • 1829 में लिखित पुस्तक एनाल्स एण्ड एन्टीक्यूटीज ऑफ राजस्थान’ में सर्वप्रथम इस भौगोलिक प्रदेश को राजस्थान’ का नाम दिया। • इनकी पुस्तकों के अनुसार राजस्थान की सामन्त व्यवस्था रक्त संबंध एवं कुलीन भावना पर आधारित प्रशासनिक और सैनिक व्यवस्था थी।
Ques 111: ‘वंश भास्कर’ का रचयिता है- (RAS-2008)
- सूर्यमल्ल मीसण
- गौरी शंकर ओझा
- कवीराज श्यामलदास
- बॉकीदास
सूर्यमल्ल मीसण • सूर्यमल्ल मीसणः- वंश भास्कर, वीर सतसई, रामरंजाट। • बाँकीदासः- चेतावणी रा गीत, बाकीदास री ख्यात, दातार बावनी, मानजसोमण्डन । • गौरीशंकर हीराचंद ओझाः- भारतीय प्राचीन लिपिमाला, सिरोही राज्य का इतिहास, राजपूताने का इतिहास, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप। कविराजा श्यामलदासः- वीर विनोद ।
Ques 112: 1733 ई. में ‘जीज मुहम्मदशाही’ पुस्तक जो नक्षत्रों सम्बन्धी ज्ञान से सम्बन्धित है, के लेखक है- (RAS-2007)
- जोधपुर के दरबार जसवन्त सिंह
- जयपुर के सवाई जयसिंह
- आमेर के राजा भारमल
- उदयपुर के महाराणा अमर सिंह
जयपुर के सवाई जयसिंह • जीजमुहम्मदशाहीः- 1725 ई. में सवाई जयसिंह ने नक्षत्रों की शुद्ध सारणी ‘जीज मुहम्मद शाही बनाई (मुगल बादशाह मुहम्मद शाह के नाम पर) • साथ ही ‘जयसिंह कारिका’ नामक ज्योतिष ग्रंथ की रचना की। • सवाई जयसिंह के दरबार में उपस्थित खगोलशास्त्री :- 1. इनके गुरु सम्राट जगन्नाथ 2. केवलराम ।
Ques 113: ‘बीकानेर के राठौरां री ख्यात’ के लेखक थे? (RAS-2007)
- श्यामलदास
- नैणसी
- सूर्यमल्ल मिसण
- दयालदास
दयालदास • बीकानेर के राठौरां री ख्यात:-‘दयालदास री ख्यात भी कहा जाता है। इस ग्रंथ में बीकानेर के राव बीका से लेकर महाराजा सरदार सिंह जी के राज्याभिषेक तक घटनाओं का वर्णन है। • कविराज श्यामलदासः- मुख्य कृति-‘वीर विनोद’ • सूर्यमल्ल मीसणः- मुख्य कृतियाँ ‘वीर सतसई’, वंश भास्कर। • मुहणौत नैणसीः- मुख्य कृतियाँ ‘मारवाड रा परगना री विगत’ मुंहणौत नैणसी री ख्यात’ ।
Ques 114: निम्नलिखित में से कौनसी मारवाड़ी की उपबोली नहीं है? (RAS-2012)
- बीकानेरी
- जोधपुरी
- नागरचोल
- थली
नागरचोल – ढूँढाडी की उप-बोली सवाई माधोपुर के पश्चिमी भागों व टोंक के दक्षिणी और पूर्वी हिस्से में बोली जाती है।
राजस्थान के प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय
Ques 115: बखनाजी, संतदास जी, जगन्नाथ दास और माधोदास नामक संतों का संबंध निम्न में से किस सम्प्रदाय के साथ था? (RAS-2021)
- दादू पंथ
- लालदासी सम्प्रदाय
- जसनाथी सम्प्रदाय
- रामस्नेही सम्प्रदाय
दादू पंथ • दादू पंथ : मुख्य केन्द्र- नरैना, मंदिर-दादू द्वारा, सत्संग स्थल-अलखदरीबा, 52 मुख्य शिष्य, पुस्तक दादू जी की वाणी • जसनाथी सम्प्रदायः मुख्य केन्द्र कतरियासर, 36 उपदेश दिए, अनुयायी गले में काली ऊन का धागा पहनते हैं, अग्नि नृत्य करते है। • रामस्नेही सम्प्रदाय-फूल डोल मेला (होली के अगले दिन) शाहपुरा में, निर्गुण भक्ति, गुलाबी रंग के कपडे पहनते है। • लालदासी सम्प्रदाय-मुख्य केन्द- ‘नगला जहाज’ मेवाती भाषा में उपदेश।
Ques 116: नारी संत दयाबाई शिष्या थी- (RAS-2018)
- संत रैदास की
- संत निम्बार्काचार्य की
- संत चरणदास की
- संत रामचरण की
संत दयाबाई • संत चरणदासजी की शिष्या। कृतियाँ-‘दयाबोध’ व ‘विनय मलिका’ संत चरणदासजी • चरणदासी सम्प्रदाय । • मुख्य केंद्र-दिल्ली शिष्यों को 42 उपदेश (सीख) दिये। • सगुण व निर्गुण भक्ति दोनों की पैरवी । • कृतियाँ-ब्रह्मचरित्र, ज्ञान-सर्वोदय । • दयाबाई और सहजोबाई इनकी शिष्याएँ थी। संत निम्बार्काचार्यजी • निम्बार्क सम्प्रदाय के प्रवर्तक । • राधा को भगवान कृष्ण की पत्नी मानते है। मेला-राधाष्टमी को। • राजस्थान में सलेमाबाद (अजमेर) में केंद। संत रैदास- (रविदास नाम भी प्रचलित) कवि संत सामाजिक सुधारक (भक्ति आंदोलन के) • इनके धार्मिक छंद ‘गुरु ग्रन्थ साहिब’ में वर्णित है। संत रामचरणजी • रामस्नेही सम्प्रदाय की स्थापना। • इनके मंदिर ‘रामद्वारा’ कहे जाते है, ये निर्गुण ‘भक्ति के प्रवर्तक है। • 4 शाखाएं-शाहपुरा (भीलवाडा), रैण (नागौर), खेडापा (जोधपुर), सिंहथल (बीकानेर)
Ques 117: शाहपुरा (भीलवाड़ा) में जिस संप्रदाय की पीठ स्थित है, वे है- (RAS-2008)
- दादू संप्रदाय
- वल्लभ संप्रदाय
- रामस्नेही संप्रदाय
- निम्बार्क संप्रदाय
रामस्नेही संप्रदाय
Ques 118: मध्यकालीन मेवात के प्रसिद्ध सन्त थे- (RAS-2007)
- चरणदास
- सुन्दरदास
- हरिरामदास
- लालदास
लालदास
Ques 119: भक्ति रस कवयित्री मीरा बाई थी- (RAS-2003)
- एक राजपूत शासक की पत्नी।
- गुजराती शाही परिवार से सम्बन्धित, जिनका विवाह राजूपत से हुआ।
- मध्य प्रदेश के एक पुजारी की पुत्री।
- एक राजपूत कुलीन नारी, जिसने कभी विवाह नहीं किया।
एक राजपूत शासक की पत्नी। • इन्हें राजस्थान की राधा कहा जाता है। • इनका जन्म 1498 ई. में मेडता के पास कुड़की ग्राम वर्तमान में पाली जिले में हुआ। • मीराबाई मेड़ता के राठौड राव दूदाजी के पुत्र रतनसिंह की इकलौती पुत्री थीं। • इनका विवाह मेवाड़ के महाराणा साँगा के ज्येष्ठ कुँवर भोजराज के साथ 1516 ई. में हुआ था परन्तु विवाह के थोड़े समय बाद ही भोजराज का देहावसान हो गया और मीराबाई विधवा हो गई। • मीराबाई ने ब्रजभाषा और राजस्थानी दोनों में कविताएँ लिखी हैं। • मीराबाई की प्रमुख रचनाएँ- ‘नरसी जी रो मायरो, ‘गीत गोविंद टीका’, ‘राग गोविंद’, ‘राग सोरठ’ है। • चित्तौड़ के किले में मीराबाई का मंदिर है।
Ques 120: राजस्थान का ग्रामीण विश्नोई सम्प्रदाय किस लोक देवता का अनुयायी है? (RAS-2003)
- हडबूजी
- मेहाजी
- जांभोजी
- पाबूजी
जांभोजी
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